माँ के लिए क्या शेर लिखूं,
माँ ने #मुझे खुद शेर बनाया है !
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माँ के अहसान की तादाद अगर कोई पूछे तो,
उस से कह दो के बरसात के कतरे गिन ले.!!
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हर लम्हा मेरी धड़कन में धड़कती हो माँ तुम ,
मेरी नज़र में प्यार का कोई एक दिन नहीं होता
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ठोकर लगती है जुबा पे तेरा नाम आता है माँ,
दर्द कम होता है और हौसला बढ़ जाता है माँ..
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Wo lamha jab kisi ne MAA pukara muze…
Ek pal me main shakh se ghana darakht ho gayi…
– Humaira rehman