Shayari on Khawab in Hindi Fonts

सपनो में बुनता हु अब
ख्वाब एक नया
कही भी
किसी से
अब मिलता हू
यु इस तरह
की गूम हू,
ना जाने अब में kaha
खामोशियों में सुनता हूँ
लब्जो में जो हुआ न बया

सपनो में बुनता हु अब
ख्वाब एक नया
From:- Hritesh Jaiswal

Author: ShineMagic

2 thoughts on “Shayari on Khawab in Hindi Fonts

  1. हे दाढ़ी वाले बाबा तुम हाे शैतान, सारा एचपीयू तुमसे
    परेशान।
    एचपीयू में तुम जब से आए, करप्शन के नए रिकॉर्ड बनाए
    उल्टे कामों के लिए जाने जाते, भ्रष्टाचारियों से हें सब
    नाते
    आते ही पीटर हॉफ में डाला डेरा, पूछने पर बोले ये हक
    है मेरा
    बच्चोंं के पैसों से मौज तुम उड़ृाते, महंगी गाडियों में
    आते जाते
    सतरंगी है दाढी तुम्हारी, शकल से लगते हो कबाड़ी
    जो कुछ भी हो उसे अपना कहते, दूसरे की खुशी कभी न
    सहते
    फीस तुमने कई गुणा बढ़ाई, उस पर भड़की एसएफआई
    तुम्हारे कहने पर पुलिस ने छात्रों पर कहर ढाया,
    जरा तरस न तुमको आया
    तुम हो टोपी-शॉल की चलती फिरती दुकान, हे
    दाढी वाले बाबा मत बनो शैतान
    जो बो रहे हो उसे तुम्ही काटोगे, सरकार के तलबे कब
    तक चाटोगे
    याद रखो ये युवा जोश है, हिमाचल
    की जनता अभी खामोश है
    जिस दिन भड़़केगा शिमला का अवाम, मुंह छुपाने
    का नही मिलेगा स्थान
    अच्छा करो बच्चों का सब अच्छा कहेंगे, तुम्हारे जुल्म
    आखिर कब तक सहेंगे
    मौका है छोड दो अभी नादानी, जल्द खत्म करो जुल्म
    की कहानी

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