वो तेरा खिलखिलाना
वो तेरा तुतलाना
पल-पल में रो देना
पा-पा, पा-पा कह कर पास बुलाना
हर पल याद आता है मुझे
ऊगली पकड़कर चलना
गिर कर फिर से संभलना
आँखों से ओझल होते ही
वो मेरी आँखों का मचलना
हर पल याद आता है मुझे
वो तेरे चेहरे की मासूमियत
वो तेरी छोटी-छोटी सी शरारत
बात-बात पर गुस्सा आना
बात-बात पर सबको हँसाना
हर पल याद आता है मुझे
सो जाने पर तुझको निहारना
आते ही घर तुझको पुकारना
तेरे बिना वक़्त जैसे चलता ही नही
हर वक़्त तेरे संग गुजारना
हर पल याद आता है मुझे
सोना-चाँदी सब बेकार है
“राज” की हर खुंशी है तू
तेरी हर खुंशी को पूरा करना
तेरा दामन खुंशियों से भरना
हर पल याद आता है मुझे
आपका दोस्त “राज”
my dear father,i miss you.i love you dade