तेरी बेवफाई का ही सिला है
की आज इक मुकाम सा हूँ
कल तक जिन राहों के लिए अनजान था ,
आज उन राहों की पहचान सा हूँ ,
फेर लिया करते थे यु ही नजरे मुझसे,
जैसे शख्स कोई बेजान सा हूँ,
आज हर जुबा पे छाया रहता है बस नाम मेरा
जैसे बरकत की कलाम सा हूं,
तेरी बेवफाई का ही सिला है
की आज इक मुकाम सा हूँ,
मुझे कतल करने को चले थे
कभी यु लोग सारे,
बेबस से बैठे है आज.
जो आज में खुद आवाम सा हूँ,
तेरी बेवफाई का ही सिला है
की आज इक मुकाम सा हूँ ,
कदर न थी तुझे मेरी ऐ जानशीन
आज देख हर जवा धड़कन में
दिल्लगी का जैसे पैगाम सा हूँ .
तेरी बेवफाई का ही सिला है
की आज इक मुकाम सा हूँ ,
From:- Hritesh Jaiswal
ooooosum hai……..realy touching……]
Dosti guna hai.to hone na dena
dost khuda hai. To khone na dena Agr karte ho kisi se dost to ouse dost ko kabhi roone na dena
keshu singh
Yaado ka bas vo yaad hai.dil me bas vo khawb he koi rola deti he humko dost dekar hum yaad karte he pyare bhari zindagi me