मंदिर में चोरी हो गई सुबह सारे पुजारियों ने रोना धोना मचा रखा था…….
लोगों की भीड़ लगी थी भीड़ को चीरते हुए एक आदमी पुजारियों के पास पहुंच गया…….
*आदमी बोला:-* क्या हो गया पुजारीजी….. ?
*पुजारी ने कहा:-* घोर कलयुग आ गया है, भगवान के
भी पैसे नहीं छोड़े चोरों ने थाने में रिपोर्ट करनी पड़ेगी, थाने को जलाना पड़ेगा, उग्र आंदोलन करना पड़ेगा…….
*आदमी:-* पुजारीजी, पैसे तो भगवान के चोरी हुए हैं, तुम क्यों रिपोर्ट करने जा रहे हो ? भगवान स्वयं करेंगे……..
*पुजारी* … “चोरों ने गलत किया है.”
*आदमी* … “कर्म प्रधान है. चोरों ने तो कर्म किया है. सही गलत तो भगवान तय करेगा.”
*पुजारी* … “नहीं, चोरी करना गलत है. ये भगवान का अपमान है.”
*आदमी* … “नहीं, ये काम भगवान ने ही करवाया है. क्योंकि भगवान की
मर्जी के बिना तो पत्ता भी नहीं हिलता.”
*पुजारी* … “लेकिन इस जघन्य अपराध के लिए चोर को दंड देना अनिवार्य है.”
*आदमी* … “हम क्या लेकर आये थे, हम क्या लेकर जायेंगे ? हम कौन होते हैं किसी को दंड देने वाले. जो कुछ करता है, सब ऊपर वाला करता है.”
*पुजारी* … “ज्ञान, ज्ञान की जगह है. हमे तो हमारा पैसा चाहिए … बस.”
*आदमी* … “तो ये बोल कि तुझे तेरे पैसे चाहिएं. फिर भगवान को क्यूं बदनाम कर रहा है … अपने इस धन्धे के लिए……… ?
*आँखे खोलो ओर आगे बड़ो*
अपना पैसा केवल जरूरत मन्द
लोगो को दान करो
*जनहित में जारी*