Hindi Kavita/Poem for Abdul Kalam

कलियुग की रामायण का राम चला गया.
मेरे देश का कलाम चला गया…

जो देता था एकता का पैगाम
वोह कलाम चला गया ….

जिनसे हुई दुश्मनो की नींद हराम
वोह कलाम चला गया …
जिसने दिया देश को परमाणु सलाम
वोह कलाम चला गया

क्या बताऊ दोस्तों
वतन का सबसे बड़ा हमनाम चला गया …
मेरा कलाम चला गया..
हमारा कलाम चला गया…

Author: ShineMagic

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